ईसामसीह
जीसस ने बचपन से बहुत आकर्षित किया चरवाहे के घर पैदा हुआ भेड़ें चराता रहा एक निर्दोष जीवन जिया महिला को सजा देने के लिए पत्थर मारने वाली भीड़ से कहा पहला पत्थर वो मारे जिसने पाप ना किया हो कितने साहस की बात ? जीसस का जन्म का धर्म यहूदी था तब तक कहा जाता था कि दांत के बदले दांत और आँख के बदले आँख ही धर्म है जीसस ने पहली बार कहा कि नहीं यह धर्म नहीं है बल्कि धर्म यह है कि कोई तुम्हारे एक गाल पर चांटा मारे तो तुम दूसरा गाल भी आगे कर दो और कोई तुमसे कमीज़ मांगे तो तुम उसे अपना कोट भी दे दो जीसस ने मन्दिर के बाहर बैठ कर सूद पर क़र्ज़ देने वाले साहूकारों को कोड़े मार कर भगाया वह गरीब की तरह पैदा हुआ गरीब की तरह जिया उसे भला होने के लिए सज़ा दी गई जीसस को दो चोरों के साथ अपना सलीब खुद अपने कन्धों पर ढोने के लिए मजबूर किया गया काँटों की टहनी उसके सर के चारों तरफ पहना दी गई अंत में जीसस को लकड़ी के सलीब पर कीलों से ठोक दिया गया वह गरीब की तरह पैदा हुआ गरीब की तरह जिया गरीबों के लिए जिया ...