The Reality of RSS

'यह आप बिलकुल अच्छी तरह से जानते हैं कि इन लोगों ने मरने का फैसला कर लिया है | यह कोई मज़ाक नहीं है | मैं कानून मंत्री को बताना चाहता हूँ कि वो इस बात को समझें कि कोई आम इंसान जान बूझ कर फाका करके मरने का फैसला नहीं कर सकता | आप थोड़ी देर के लिए भी ऐसा करके तो देखिये आपको खुद समझ में आ जाएगा |' जो इंसान भूख हडताल करता है वह अपनी आत्मा की आवाज़ पर ऐसा करता है | वह अपनी आत्मा की बात सुनता है और उसे विश्वास होता है कि वह सच्चे और इन्साफ के रास्ते पर है | वह कोई आम इंसान नहीं है जो ठन्डे दिमाग से किये गये दुष्टतापूर्ण अपराध का अपराधी हो ' - मोहम्मद अली जिन्नाह नेशनल असेम्बली में भगत सिंह के पक्ष में बोलते हुए दूसरी तरफ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक गोलवरकर भगत सिंह की कुर्बानी के आलोचक थे, देखिये उन्होंने भगत सिंह के खिलाफ क्या लिखा है ‘बंच ऑफ थॉट्स’ (गोलवलकर के भाषण और लेखों का संकलन, जिसे संघ में पवित्र ग्रंथ माना जाता है) के कई अंश हैं जहां उन्होंने शहादत की परंपरा की निंदा की है. ‘इस बात में तो कोई संदेह नहीं है कि ऐसे व्यक्ति जो शहादत को गले लगाते है...