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Showing posts from June, 2022

वीरांगना दुर्गा भाभी और पति भगवती चंद्र बोहरा

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 यह दुर्गा भाभी हैं, वही दुर्गा भाभी जिन्होंने साण्डर्स वध के बाद राजगुरू और भगतसिंह को लाहौर से अंग्रेजो की नाक के नीचे से निकालकर कोलकत्ता ले गयी. इनके पति क्रन्तिकारी भगवती चरण वोहरा थे. ये भी कहा जाता है कि चंद्रशेखर आजाद के पास आखिरी वक्त में जो माउजर था, वो भी दुर्गा भाभी ने ही उनको दिया था. 14अक्टूबर 1999 में वो इस दुनिया से गुमनाम ही विदा हो गयी कुछ एक दो अखबारों ने उनके बारे में छापा बस. आज आज़ादी के इतने साल के बाद भी न तो उस विरांगना को इतिहास के पन्नों में वो जगह मिली जिसकी वो हकदार थीं और न ही वो किसी को याद रही चाहे वो सरकार हो या जनता. किसी स्मारक का नाम तक उनके नाम पर नही है कहीं कोई मूर्ति नहीं है उनकी. सरकार तो भूली ही जनता भी भूल गयी. ऐसी पूज्य वीरांगनाओं को हम शत शत नमन करते है और भविष्य मे ऐसे तमाम वीरों और वीरांगनाओं को सम्मान दिलाने के लिये प्रयासरत रहें . साभार –

बीएचयू के जाने-माने कार्डियोथोरेसिक सर्जन पद्म श्री डॉ. टी.के. लहरी

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 डॉ. लहरी का मुख्यमंत्री योगी से मिलने से इनकार? "हिंदुस्तान में आज भी ऐसे देवताओं की कमी नहीं है जो इस धरती पर रहकर देव तुल्य कर्म कर रहे हैं ऐसे ही हैं डॉ. तपन कुमार लहरी! जिनको आज भी हाथ में बैग और छतरी लिए पैदल घर या बीएचयू हास्पिटल की ओर जाते हुए देखा जा सकता है।" आम लोगों का निःशुल्क इलाज करने वाले बीएचयू के जाने-माने कार्डियोथोरेसिक सर्जन पद्म श्री डॉ. टी.के. लहरी (डॉ तपन कुमार लहरी) ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके घर पर जाकर मिलने से इनकार कर दिया है। योगी को वाराणसी की जिन प्रमुख हस्तियों से मुलाकात करनी थी, उनमें एक नाम डॉ टीके लहरी का भी था। मुलाकात कराने के लिए अपने घर पहुंचने वाले अफसरों से डॉ लहरी ने कहा कि मुख्यमंत्री को मिलना है तो वह मेरे ओपीडी में मिलें। इसके बाद उनसे मुलाकात का सीएम का कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया। अब कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री चाहते तो डॉ लहरी से उनके ओपीडी में मिल सकते थे। लेकिन वीवीआईपी की वजह से वहां मरीजों के लिए असुविधा पैदा हो सकती थी। जानकार ऐसा भी बताते हैं कि यदि कहीं मुख्यमंत्री सचमुच मिलने के लिए ओपीडी मह...