इंसानियत और तर्क की बात
यह ऐसा समय है जब समाज इंसानियत और तर्क की बात करने वाले हार रहे हैं और पूंजीवादी युद्धवादी राष्ट्रवादी तेज़ी से सारी दुनिया में अपने पैरपसारते जा रहे हैं, ये ऐसा समय भी है जब सारी दुनिया को एकमानने वाले बेईज्ज़त किये जा रहे हैं और अपने मुल्क को महान बनाने के नारे लगाने वाले लोग सत्ता के सर पर बैठ गए हैं,ये वो दौरहै जब इंसानियत की बात, सहनशीलता और तर्कशीलता भयानक षड्यंत्र से जुड़े शब्द माने जा रहे हैं, दूसरों का ख्याल किये बिना अपना ऐश ओ आराम बढ़ाते जाने को विकास मान लिया गया है, ऐसे समय में कौन सी राजनीति लोकप्रिय होगी आप खुद सोचिये ? एक इंसान आपसे कहता है कि तुम्हारा धर्म सबसे अच्छा है तुम्हारी जाति सबसे ऊंची है ऐय्याशी से जीना और किसी बात की परवाह ना करना सबसे अच्छा जीवन है आओ अपने प्रतिद्वंदी धर्म वाले को मार दें, आओ पड़ोसी मुल्क को मज़ा चखा दें, दूसरी तरफ दूसरा इंसान आपसे कहता है कि सिर्फ आपका धर्म सबसे अच्छा नहीं है बल्कि दुनिया के सभी धर्म एक जैसे हैं और सभी धर्म पुराने और अधूरे हैं इंसान को नई जानकारियों और खोजों से खुद ...