समान शिक्षा और राष्ट्र निर्माण : मुचकुंद दूबे आईएफ़एस (विदेश सेवा के अधिकारी)

मुचकुंद दूबे आईएफ़एस यानी भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी पद पर रहने के बावजूद देश में शिक्षा को लेकर सबसे सजग माने जाते हैं। इनके ही प्रयास के कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में समान स्कूली शिक्षा कैसे लागू हो, इसके लिए एक आयोग का गठन किया था और इसकी जिम्मेवारी मुचकुंद दूबे को सौंप दी थी। आमतौर पर लेटलतीफ़ी के लिए मशहूर अन्य आयोगों के विपरीत श्री दूबे ने तय समय सीमा के अंदर अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी। लेकिन सरकार ने पूरी रिपोर्ट को ठंढे बस्ते में डाल दिया। परंतु श्री दूबे की मेहनत पूरी तरह बेकार नहीं गयी। पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने उनके द्वारा बताये गये राह पर चलते हुए शिक्षा का अधिकार कानून बनाया। लिहाजा श्री दूबे को इस बात का श्रेय जाना ही चाहिए। यह बात अलग है कि वे स्वयं इस तथाकथित अधिकार के नाम पर दलितों और पिछड़ों के बच्चों के साथ हो रही हकमारी से व्यथित हैं। वे सुप्रीम कोर्ट में सरकार को चुनौती देने की योजना भी बना रहे हैं। आज पूरे विश्व में शिक्षा एक बड़ा सवाल है। इसमें व्यापक बदलाव आये हैं। आईएफ़एस अधिकारी के रुप म...