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Showing posts from October, 2023

अंबेडकर और गांधी की सामाजिक स्थिति और उसके फायदे!

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 मोहनदास को स्कूल के भीतर बैठाया गया इस लड़के के साथ स्कूल में कोई भेदभाव नही किया गया, जाति से मोड़ बनिया जो था पिता राजकोट रियासत में दीवान थे. ब्लैक बोर्ड पर लिखावट साफ़ दिखाई देती, मास्टर की वाणी भी साफ़ सुनाई पड़ती लेकिन इसके बावजूद भी ये विद्यार्थी पढ़ाई में कमजोर था, स्कूल प्रोग्रेस रिपोर्ट कार्ड अनुसार मोहनदास सामान्य विद्यार्थी था जो इंग्लिश में ठीक ठाक था, गणित और भूगोल में कमजोर और उसकी लिखावट बेहद खराब थी. भीम राव का जन्म गरीब परिवार में हुआ, पिता मामूली सिपाही थे. भीम राव को स्कूल में कक्षा से बाहर बिठाया गया उनसे भेद भाव किया जाता अन्य विद्यार्थी उनकी परछाई से भी दूर भागते. कारण क्रूर सनातन संस्कृति अनुसार भीम राव अछूत महार जाति से हैं. कक्षा में बाहर बिठाए जाने कारण ब्लैक बोर्ड पर अक्षर धूमिल दिखाई देता लेकिन इसके बावजूद भीम राव पढ़ाई में होशियार थे हर विषय में उन्हें महारत हासिल थी. मोहनदास अपने पिता के धन के बल पर लंदन में कानून की पढ़ाई करने गए. भीम राव को बड़ोदा के राजा ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी पढ़ने भेजा पर इसके एवज में उन्हें बड़ोदा रियासत को अपनी सेवा देनी थी. ...

संविधान की सोच

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संविधान कहता है कि हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह वैज्ञानिक समझ का प्रसार करे इसलिए मैं आपसे कुछ कुछ बातों पर वैज्ञानिक तरीके से सोचने का आग्रह करता हूँ हमारे सभी भगवान् हथियारधारी हैं वे किनको मारते थे ? क्या कहीं ऐसा तो नहीं मारने वालों को ही हमने भगवान बना लिया ? आप कहते हैं वे असुरों को मारते थे मतलब असुर खराब होते थे ध्यान दीजिये हम पूरे असुर समाज को बुरा कहते हैं हमारे युद्ध के वर्णनों में लिखा गया है कि हमले से असुर स्त्रियों के गर्भ गिर गये और असुर जल कर चिल्ला कर भागने लगे इसका मतलब है जिन्हें हम मार रहे थे वे असुर परिवार समेत रहने वाले लोग थे यानी असुर पूरे के पूरे समुदाय थे उनके गाँव थे उनके परिवार थे पत्नी बच्चे घर सब थे यानी वे हमारी तरह के ही लोग थे हम उन्हें मारते थे उनका कसूर था कि वे काले होते थे उनके सींग होते थे वे हो हो करके जोर से हंसते थे आज भी आदिवासी काले होते हैं, हो हो कर के हंसते हैं, आज भी आप कुछ समुदायों से नफरत करते हैं आप दलितों आदिवासियों मुसलमानों ईसाईयों से नफरत करते हैं उनके साथ खान पान शादी ब्याह में आपको आज भी आपत्ति है यानी पूरे के पूरे समुदायों को ...