इश्क़ की अच्छी बातें।
पोथी पढ़-पढ़ जग मुआ पंडित भया न कोए, ढ़ाई आखर प्रेम के पढ़े सो पंडित होए।।
इश्क़ जाति देखकर नहीं होता। मोहब्बत क्रांति करने के लिए नहीं होती, पर मोहब्बत से संभव है कि क्रांति हो जाए। प्रेम वैसे नहीं होता जैसे गणितीय गणना होती है सोच-समझ कर। सोच-समझ कर तो अवसर के फायदे उठाये जाते हैं। अगर यह सब है, तो वह बाक़ी कुछ भी हो, इश्क़ नहीं है. इश्क़ करना अपने आप में ही क्रांति है। इश्क़ में दो अलग-अलग शख़्स मिलकर एक हो जाते हैं। कोई बड़ा, छोटा या ऊँचा नीचा नहीं रह जाता है। इश्क़ बेड़ियाँ तोड़ता है, जितनी बाहर की, उससे कहीं ज़्यादा भीतर की। इश्क़ हमें एक मुक़म्मल (सम्पूर्ण) इंसान बनाता है। इस दौर को मोहब्बत की सख़्त ज़रूरत है।
अगर इश्क दो अलग-अलग धर्म के युवक-यूवती के बीच हो, आपस में प्रेम हो और दोनों में से कोई ये कहें की तुम मेरे धर्म को अपना लो हम दोनों एक जैसे हो जायेंगे, ख़ुशी से जीवन बिताएंगे; यकीन करो ये बाते खुश रहने के लिए पर्याप्त नहीं है अंततः तुम्हे प्रेम ही खुश रख सकता है। बांकी ख़ुशी क्षण भर की होंगी। ऐसा करने से प्रेम के मध्य बड़ा अर्चन पैदा हो सकता है। सोचो इसी धर्म के चलते ही तुम्हें करीब आने से रोका गया, एक साथ रहने में कई बाधाएं डाली गई, लोगों का विरोध सहना पड़ा, कईयों के तो जान से हाथ धोना पड़ता हैं, संप्रदाय के गुमान में चूर होकर जान लेने से जरा भी नहीं कतराते और वापस तुम उसी धर्म की वकालत करने में लगे गए। मैं तो कहता हूँ वैसे धर्म का त्याग क्यों नहीं देते, जिसकी तुम वकालत करने में लगे हो। वास्तव में वह कोई धर्म नहीं वह तो सम्प्रदाय है। धर्म तो असल में प्रकृति है और से बढ़ कर और क्या चीज़ प्राकृतिक हो सकती है।
सम्प्रदाय की एक अनूठी खासियत यह होती है कि खुद को छोड़ बांकी सरे सम्प्रदायों, मतों और विचारों की अवहेलना करने में दिन-रात लगे रहते हैं। खुद के सम्प्रदाय को सर्वोच्च, सर्वश्रेष्ठ बाकियों को हीन समझते हैं। जबकि प्रकृति के तरफ से सबको एक समान बनाया गया है। इसलिए प्रकृति ही सर्वोत्तम, सर्वश्रेष्ठ और सर्वोच्च धर्म है; और इंसान का स्वभाव स्वभावतया प्रेम करना है।
मैंने उससे इश्क़ किया, उसने मुझसे इश्क़ किया हमने शादी की। एक बेहद प्यारे इंसान ने मुझे और मैंने उसे चुना हमारी ज़िंदगी का ये बेहद ख़ूबसूरत लम्हा है. सोशल मीडिया पर देख रहा हूँ कि मेरे निजी जीवन को लेकर तमाम प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। देश विदेश से अनगिनत लोगों ने बेपनाह दुआएँ, बधाईयां, प्यार दिया। आप सभी का तहे दिल से शुक्रिया! मगर कुछ लोग इस अंतर्जातीय विवाह में मेरी साथी की जाति को लेकर बेहद ख़राब तरीक़े से लिख रहे हैं। यह असहज कर रहा इसलिए लिख रहा हूँ कि प्लीज़,ये सब न करें।
हम एक घोर जातिवादी, पितृसत्तात्मक, सामंती समाज के हिस्से हैं. इस समाज को ख़ूबसूरत बनाने के लिए सोचते, समझते, पढ़ते, लिखते, बोलते हैं। सामाजिक न्याय के विचार को जीते हैं, जिसके मुताबिक़ हम जातिवाद, पितृसत्ता, सामंती ढाँचे को तोड़कर एक बराबरी की दुनिया का ख़्वाब देखते हैं। इसलिए बड़ी बात यह है कि हम किसी और पर नहीं, बल्कि ख़ुद पर ही एहसान कर रहे. यह अंतर्जातीय विवाह एक सुखद संयोग मात्र है और कुछ नहीं। मगर हम मिलकर इस अवसर का उत्सव (सेलिब्रेट) मना रहे हैं। आप भी इसे इतना ही समझें और हमें सेलिब्रेट करने दें।
अंतर्जातीय विवाह से पहले यह अंतर्जातीय इश्क़ है। अरेंज मैरिज़ में जब जातियाँ टूटने लगेंगी, तब मानिए कि ठोस बदलाव आ रहा है और ऐसा कुछ हद तक हो रहा है। आपकी ख़ुशी या उत्साह किसी इंसान के आत्मसम्मान को आहत करने लगे तो आपको अपनी मानसिकता और भाषा दुरुस्त करनी चाहिए। ख़ासकर उन्हें, जो सामाजिक, लैंगिक, सांस्कृतिक संरचना के ताक़तवर ख़ेमे में से आते हो। आपकी अभद्रत व्;व्यवहार ये सब जाति तोड़ने की बजाय जातिवादी प्रतिक्रियाएं और भी ज्यादा मजबूत करेंगी। ऐसा न करें!
हक़ीक़त यह है कि प्रेम की आँखों ने जाति नहीं खोजी और प्रेम से भरे ह्रदय में जाति जैसी ओछी बात का ख्याल भी नहीं आया। हमारे इश्क के तक़रीबन सालों बाद मुझे अनायास पता चला कि मेरी प्रेमिका की जाति क्या है। पिछले दिनों अपने एक करीबी के पूछने पर जाति का ज़िक्र कर दिया था। ये सब- मेरे नसमझ दोस्त, कुछ मेरे संबंधी मुझे ऐसी नजरों से देखते हैं, ऐसी बातें बोलते हैं और मुझे मुसलसल यह अहसास कराने में लगे हैं कि मुझसे बहुत गलती हो गई। ख्याल रहे की प्रेम कर के मुझे गर्व है मलाल नहीं। इसलिए मैं अपनी जीवन साथी से यहीं कहूंगा की इन बातों को नज़र अंदाज करे और प्रगतिशील सोच के साथ जीवन में आगे पढ़ें। अगर किसी को ग्लानि का अहसास होना चाहिए तो उसे जो जाति धर्म को प्रेम से ऊपर मानते और समझते हैं। प्रेम समाज को गति देता है अच्छी सोच देता है समाज में वैमनस्य का अंत करता है और यह धर्म और संप्रदाय इसके ठीक उल्टा काम काम करते हैं।
सबका शुक्रिया!
Nice thought!
ReplyDeleteGood thought. Impressive.
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